कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार पर संकट गहरा गया है. बताया जाता है कि कांग्रेस और जेडीएस के 8 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. कर्नाटक में गहराए राजनीतिक संकट को देखते हुए कांग्रेस महासचिव केके वेणुगोपाल कर्नाटक के लिए रवाना हो गए है. आठों विधायकों का इस्तीफा विधानसभा स्पीकर के पास भेजा गया है, हालांकि खबर है कि स्पीकर विधानसभा में मौजूद नहीं हैं. बता दें जिन आठ विधायकों ने इस्तीफा दिया है उनमें से पांच कांग्रेस और तीन जेडीएस विधायक हैं. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने कर्नाटक सरकार पर बढ़े संकट को देखते हुए सभी विधायकों और नगर सेवकों की एक आपात बैठक बुलाई है.
कांग्रेस और जेडीएस के आठ विधायकों के इस्तीफे के बाद कर्नाटक में राजनीतिक संकट गहरा गया है. कर्नाटक में सरकार बने अभी एक साल भी पूरे नहीं हुए हैं और सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
कांग्रेस के विजयनगर विधायक आनंद सिंह और गोकके विधायक राजेश जरकीहोली ने अपनी विधानसभा की सदस्यता से पहले ही इस्तीफा दे दिया था. इन दो इस्तीफों के बाद कर्नाटक में कांग्रेस के अब 77 विधायक बचे थे जबकि जेडीएस के पास 37 विधायक बचे हैं.
224 सीटों वाले कर्नाटक विधानसभा में सत्ता हासिल करने का जादुई आंकड़ा 113 है. दूसरी ओर मुख्य विपक्षी भाजपा के पास 105 विधायक हैं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का एक विधायक और एक स्वतंत्र विधायक है. नए इस्तीफों के बाद कुमार स्वामी सरकार के पास सत्ता में बने रहने के उतने विधायक नहीं बचे हैं, जितनी उन्हें जरूरत है
कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के भाजपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि इस्तीफे सत्तारूढ़ गठबंधन में बड़े पैमाने पर बेचैनी को दर्शाते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार गिरने के बाद ही हम आगे की रणनीति पर कोई कदम उठाएंगे. चुनाव का कोई सवाल ही नहीं है. हम 105 सदस्यों के साथ एक मजबूत पार्टी हैं. अगर आने वाले समय में कुछ और विधायकों का इस्तीफा होता है तो हम सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे
सरकार बनाने की संभावनाएं तलाशूंगाः येदियुरप्पा
कर्नाटक बीजेपी के मुखिया बीएस येदियुरप्पा ने कांग्रेस एमएलए के इस्तीफे के बाद कहा कि अगर आपसी कलह के चक्कर में जनता दल (सेक्यूलर) की सरकार गिर जाती है तो वो अपनी सरकार बनाने के मौके तलाशेंगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी मध्यावधि चुनाव की पक्षधर नहीं है. अगर सरकार बनने की स्थिति बनती है तो एक बार फिर कर्नाटक में स्थायी सरकार बनाने का रुख करेंगे.